मजदूरों की बेबसी और अव्यवस्था का ‘गुजरात मॉडल’
‘इस गुजरात मॉडल में स्वास्थ्य सेवाओं से ज्यादा मूर्तियों पर ध्यान दिया जाता है.’

कोरोना वायरस को लेकर गुजरात की हालत खराब है. साथ ही राज्य में फंसे हुए भूखे-प्यासे मजदूर भी समय-समय पर घर जाने के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. सूरत और अहमदाबाद जैसे बड़े शहरों में कई बार मजदूरों और पुलिस के बीच टकराव हो चुका है.
इस बीच सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने प्रधानमंत्री मोदी और गुजरात सरकार पर निशाना साधते हुए ‘गुजरात मॉडल’ पर सवाल उठाए हैं.
उन्होंने ट्वीट किया, “यह मोदी का वो ‘गुजरात मॉडल’ है, जिसपर बहुत इठलाया जाता है. इस मॉडल में सांठगांठ करने वालों को फायदा पहुंचता है, यहां स्वास्थ्य सेवाओं से ज्यादा मूर्तियों पर ध्यान दिया जाता है. प्रवासी मजदूर इस राज्य में कष्ट सह रहे हैं और बीजेपी सरकार पत्रकारों को निशाना बना रही है. एक बड़े स्वास्थ्य और मानवतावादी संकट का सामना करने का ये तरीका शर्मनाक और अमानवीय है.”
This is Modi's much flaunted 'Gujarat Model' where cronies benefit, statues get priority over healthcare and migrant labour suffer as BJP state govt targets journalists. Shameful and inhuman approach to a major health and humanitarian crisis. pic.twitter.com/9ZQdRWXIJ1
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) May 12, 2020
दरअसल, सीताराम येचुरी ने यह ट्वीट एक अंग्रेजी अखबार की उस खबर पर किया जिसमें गुजरात सरकार के विभागों के बीच कोई संयम ना होने और इस कारण प्रवासी मजदूरों के सबसे ज्यादा कष्ट में होने की बात कही गई है. असल में यह बात गुजरात हाई कोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई के दौरान कही.
गुजरात हाई कोर्ट ने मजदूरों के ऊपर गुजर रही त्रासदी का संज्ञान लेते हुए टिप्पणी की है कि समाज के इस सबसे कमजोर और वंचित तबके में कोविड-19 से ज्यादा भूखमरी से मर जाने का डर है. आगे कहा गया कि सरकार भले ही खूब प्रयास कर रही हो लेकिन स्थिति हाथ से निकलती जा रही है.
Click: कोरोना के खिलाफ फेल 'गुजरात मॉडल'
‘गुजरात मॉडल’ को लेकर तब भी सवाल उठे थे जब कोरोना वायरस से संक्रमण और मौतों के मामलों में बढ़ोतरी के बीच केंद्र सरकार के निर्देशों पर एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया सहित विशेषज्ञों की एक टीम को अहमदाबाद भेजा गया था. इसके बाद विपक्षी नेताओं ने राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था और प्रशासनिक दक्षता पर सवाल उठाए थे. कांग्रेस पार्टी तो कोरोना वायरस के खतरे के बीच अहमदाबाद में ‘नमस्ते ट्रंप’ कार्यक्रम में लाखों लोगों की भीड़ इकट्ठा करने की ‘अदूरदर्शिता’ को शहर में कोरोना वायरस के मामलों में तेज बढ़ोतरी का कारण बता चुकी है.