कोरोना योद्धा बनने के प्रस्ताव को स्वीकारें
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने मेडिकल स्टूडेंटस की सहयोग की पेशकश स्वीकारने को पत्र लिखा है।
मध्यप्रदेश में अपनी डिग्री पूरी कर चुके है लेकिन व्यापम घोटाले की जांच के कारण उन्हें डिग्री नही मिली है तथा उनके खिलाफ कोई प्रकरण/एफ.आई.आर. या जांच भी लंबित नही है, उन मेडिकल स्टूडेंटस ने कोरोना महामारी से निपटने में निःशुल्क सहयोग की पेशकश की है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिख कर कहा है कि सरकार को इस प्रस्ताव पर विचार करना चाहिए। सिंह ने पत्र में लिखा है कि मध्यप्रदेश के विभिन्न चिकित्सा महाविद्यालयों में वर्ष 2008 से 2011 बैच के अनेक डॉक्टर्स की डिग्री पूरी हो गई थी और कुछ अंतिम वर्ष में अध्ययनरत थे। वर्ष 2013-14 के दौरान प्रदेश में व्यापम घोटाला सामने आने के कारण उसकी जांच हुई और इन डॉक्टरों को भी संदिग्ध मानकर या तो इनकी डिग्री रोक दी गई या इन्हे अंतिम वर्ष की परीक्षा से वंचित कर दिया गया। ये सभी डॉक्टर मध्यप्रदेश के मूल निवासी है। इनके खिलाफ अभी तक न तो कोई एफ.आई.आर. हुई है और न ही इनके खिलाफ किसी भी न्यायालय में कोई प्रकरण विचाराधीन नही है। ऐसे सभी डॉक्टरों ने कोरोना महामारी के संकट के समय प्रदेश की जनता को अपनी सेवाएं देने की पेशकश की है। ये सभी युवा डॉक्टर प्रदेश की जनता को हॉट-स्पॉट सहित सभी स्थानों पर अपनी सेवाएं निःशुल्क देने को तैयार है।
सिंह ने कहा कि प्रदेश में व्याप्त महामारी के इस संकट में डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की कमी को तथा उपरोक्त युवा डॉक्टरों द्वारा की गई पेशकश को दृष्टिगत रखते हुये महामारी से निपटने के लिये इन युवा डॉक्टरों की सेवाएं लेने पर सरकार को विचार करना चाहिये।