गलवान घाटी में सैनिकों के बीच इंदिरा गांधी
करीब 53 साल पहले भूटान की रक्षा करने की वजह से भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी चीन के निशाने पर आ गई थीं। तब चीनी सैनिक डोकलाम में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे थे। इंदिरा गांधी के नेतृत्व में भारत ने मज़बूती के साथ चीन के ख़िलाफ़ मुक़ाबला किया
1. इंदिरा गांधी ने करवाया सिक्किम का भारत में विलय
भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 7 अक्टूबर 1966 में खुले तौर पर कहा था कि वे भूटान की सुरक्षा हर हाल में करेंगी। इंदिरा गांधी ने साफ कर दिया था कि चीन का डोकलाम में दखल अवांछित है। 1962 का युद्ध जीत चुके चीन ने सितंबर 1967 में सिक्किम में पड़ने वाले नाथूला पास पर हमला कर दिया। उस वक्त तक सिक्किम भारत का हिस्सा नहीं था। वहां पर राजशाही का शासन था। भारतीय सेना ने नाथू ला पास और चो ला पास पर चीनी सेना को वापस खदेड़ दिया था। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक इन संघर्षों में भारत के 88 के सैनिकों की शहादत हुई थी। जबकि भारतीय सैनिकों ने चीन के साढ़े तीन सौ से ज्यादा सैनिक मारे थे। इस जीत के बाद भारतीय सेनाओं का मनोबल बहुत ऊंचा हुआ। इसके बाद इंदिरा गांधी ने इसके बाद सिक्किम से बातचीत जारी रखी। बाद में 1975 में सिक्किम का भारत में विलय हो गया।