Corona impact : प्रत्येक पब्लिक सेक्टर का निजीकरण

coronavirus india : कर्ज ना चुकाने वाली कंपनियां डिफॉल्टर नहीं

Publish: May 18, 2020, 01:33 AM IST

कोरोना वायरस आर्थिक पैकेज की पांचवी किस्त की घोषणा करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पब्लिक एंटरप्राइज पॉलिसी लाई जाएगी, जिसके तहत प्रत्येक सेक्टर को निजी सेक्टर के लिए खोल दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि निश्चित क्षेत्रों में सार्वजिनक क्षेत्र अपनी जरूरी भागेदारी जारी रखेगा और सभी स्ट्रेटेजिक सेक्टर में एक सार्वजनिक कंपनी के साथ एक निजी कंपनी रहगी. दूसरे सेक्टर में सार्वजनिक कंपनियों का निजीकरण कर दिया जाएगा. 

वित्त मंत्री ने कहा कि जिन क्षेत्रों में पब्लिक सेक्टर अपनी जरूरी भागेदारी जारी रखेगा, उनकी घोषणा जल्द ही कर दी जाएगी. एक सेक्टर चार से अधिक उपक्रम मौजूद नहीं रहेंगे.

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एक और बड़ी घोषणा करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि कंपनी एक्ट के तहत मामूली चूक को अपराधीकरण की श्रेणी से बाहर निकाला जाएगा. उन्होंने कहा कि एजीएम की होल्डिंग, बोर्ड रिपोर्ट फाइलिंग डिफाल्ट्स, सीएसआर की रिपोर्टिंग इत्यादि जैसे सात संयुक्त अपराधों को खत्म किया जाएगा.

केंद्रीय वित्त मंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि कोरोना वायरस की वजह से कर्ज ना चुका पाने वाली कंपनियों को डिफॉल्ट में नहीं डाला जाएगा. उन्होंने कहा कि अगले एक साल के लिए किसी भी तरह की दिवालिया कार्रवाई नहीं की जाएगी. वहीं एमएसएमई एंटरप्राइजेज के लिए आईबीसी के सेक्शन 42A के तहत एक विशेष दिवालिया फ्रेमवर्क तैयार किया जाएगा. इसके तहत न्यूनतम चूक की सीमा को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1 करोड़ कर दिया जाएगा.