हद है, प्रवासी मजदूरों से वसूला ट्रेन का किराया

बीत सवा माह से जारी लॉकडाउन के बाद बेरोजगारी झेल रहे प्रवासी मजदूरों की सहायता करना तो दूर उनसे अपने गृह प्रदेश में आने का ट्रेन किराया वसूला गया।

Publish: May 03, 2020, 08:47 PM IST

Photo courtesy : the weather channel
Photo courtesy : the weather channel

लॉकडाउन में मध्यप्रदेश लौट रहे मजदूर खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। सरकार की जिस सेवा को वह फ्री समझ रहे थे, वह उन्हें पैसे देकर खरीदनी पड़ी। इसका पता भी उन्हें तब चला जब वे अपने घर की ओर लौट रहे थे। बताया जा रहा है कि जिस ट्रेन से इन मजदूरों ने सफर किया है उनमें उनसे यात्रा के पैसे लिए गए जबकि कहा जा रहा था कि इन पैसों का भुगतान सरकार करेगी।

Click  मोदी की “मैं और मेरी मर्ज़ी” से देश परेशान : दिग्विजय

तय कीमत से दस रुपए ज्यादा लिए

दरअसल, लॉक डाउन के बीच दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों और छात्रों के लिए स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं। महाराष्ट्र के नासिक से भोपाल पहुंचे 345 मजदूरों से टिकट के पैसे भी लिए गए और वह भी टिकट से ज्यादा। 305 रुपए के टिकट के एवज में इन मज़दूरों से 315 रुपए वसूल किए गए। मजदूरों का कहना है कि उन्हें कहा गया था कि टिकट के पैसे नहीं लिए जाएंगे और उन्हें फ्री में ही भोपाल तक पहुंचाया जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

केंद्र ने दिए थे टिकट के रुपए न लेने के निर्देश

लॉकडाउन में दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही हैं। पहली ट्रेन तेलंगाना से झारखंड के लिए चली। उसके बाद राजस्थान और महाराष्ट्र से भी ट्रेनें मध्य प्रदेश,बिहार और झारखंड के लिए रवाना हुईं । हालांकि पहले यह कहा गया था कि स्पेशल ट्रेन के यात्रियों से कोई किराया वसूल नहीं किया जाएगा। केंद्र सरकार ने इसके लिए दिशा निर्देश भी जारी किए थे। जिसमें स्पेशल ट्रेनों के लिए यात्री किराए का खर्च जिस राज्य से प्रवासी जा रहे हैं वहां की सरकार वहन करेगी या फिर जिन राज्यों में यह प्रवासी जा रहे हैं वहां की सरकार करेगी लेकिन मध्यप्रदेश में ऐसा नहीं हुआ।

Click  मजदूरों को भाजपा-कांग्रेस में न बांटे, सबको सहायता दें

मज़दूरों पर पड़ी दोहरी मार

ये मजदूर पिछले कई दिनों से दूसरे राज्यों में फंसे थे। लॉकडाउन के चलते उनके पास कोई काम भी नहीं था। ऐसे में उनसे टिकट के पैसे लेना मध्यप्रदेश के मजदूरों और छात्रों पर दोहरी मार है।